Saturday, 27 December 2014

Shivling is Nuclear reactor शिवलिंग न्यूक्लिअर रिएक्टर्स हैं


भारत का रेडियोएक्टिविटी मैप उठा लो तो हैरान हो जाओगे।
क्योंकि भारत सरकार के नुक्लिएर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगो के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है | 
शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्यूक्लिअर रिएक्टर्स ही हैं तभी उनपर जल चढ़ाया जाता है ताकि वो शांत रहे। 
महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि बिल्व पत्र, आक, आकमद, धतूरा, गुड़हल, आदि सभी न्यूक्लिअर एनर्जी सोखने वाले हैं | क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है तभी जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता | 
भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिव लिंग की तरह है |
शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिल कर औषधि का रूप ले लेता है |
तभी हमारे बुजुर्ग हम लोगों से कहते कि महादेव शिव शंकर अगर नराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी |
ज़रा गौर करो,
हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है |
आज इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारी परम्पराओं को समझने के लिए जिस विज्ञान की आवश्यकता है वो हमें पढ़ाया नहीं जाता और विज्ञान के नाम पर जो हमें पढ़ाया जा रहा है उस से हम अपनी परम्पराओं को समझ नहीं सकते |
जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है वो सनातन है,
विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया गया है ताकि वो प्रचलन बन जाए
और हम भारतवासी सदा वैज्ञानिक जीवन जीते रहें |
हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों द्वारा हजारों लाखों वर्ष पूर्व जिस वैज्ञानिक संस्कृति पंरम्परा को नियम बनाकर मानवजीवन का एक अभिन्न अंग बना दिया है।
उसे देख कर ही आज के वैज्ञानिक दाँतो तले अंगुली दबा लेते है।

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